कामरेड गुलशन भारती 21वीं सदी में जन्मीं भाकपा-माले की नई पीढ़ी के युवा पार्टी सदस्य थे. उनके परिजन व टोले-मुहल्ले के लोग भाकपा(माले) से बरसों से जुड़े हुए हैं. वे गड़हनी प्रखंड के काऊप गांव के दलित निम्नवर्गीय परिवार से आते थे. उनके घर में शिक्षिका मां, खेतिहर पिता और एक बहन है. चाचा और दादा सहित उनका पूरा परिवार पार्टी में सक्रिय भूमिका में रहता है.
गुलशन 2015 में पार्टी सदस्य बने थे और छात्रा संगठन आइसा में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे. वे तब से ही पार्टी और आइसा की हर आंदोलनात्मक गतिविधि में अगले पंक्ति में खड़े रहते. लाॅकडाउन के समय राशन वितरण हो या गड़हनी में चल रहा शाहीन बाग आंदोलन हो, सड़क पर स्कूल आंदोलन हो या अगिआंव विधानसभा चुनाव - वे अनथक काम करते थे. वे सोशल मीडिया मोर्चे के कामकाज को भी बखूबी निभाते थे. उन्होंने अभी हाल ही में हुए शिक्षा-स्वास्थ्य-रोजगार के सवाल पर विधानसभा मार्च में मुख्य भूमिका निभाई थी.
काॅमरेड गुलशन आरा के जगजीवन काॅलेज में स्नातक गणित के पार्ट 2 के छात्र थे. वे पढ़ने में भी बहुत तेज थे व होनहार छात्र थे. उन्होंने मैट्रिक व इंटर की परीक्षायें भी आरा के क्षत्रिय हाई स्कूल से प्रथम श्रेणी में पास किया था.
उनका असामयिक निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है. इस दुख की घड़ी में पूरी पार्टी उनके परिवार के साथ खड़ी है. काॅमरेड गुलशन भारती को लाल सलाम!