जलियांवाला बाग जनसंहार की 102वीं वर्षगांठ पर आरा बस स्टैंड में संकल्प सभा आयोजित की गई. संकल्प सभा को भाकपा(माले) केन्द्रीय कमेटी के सदस्यों - जिला सचिव जवाहरलाल सिंह व किसान नेता राजू यादव, भाकपा(माले) नगर सचिव दिलराज प्रीतम, जिला कमिटी सदस्य शिवप्रकाश रंजन, आइसा नेता शबीर कुमार, बालमुकुंद चौधरी, शोभा मंडल, राजेंद्र यादव और रौशन कुशवाहा ने संबोधित किया.
अरवल स्थित भाकपा(माले) जिला कार्यालय में जलियांवाला बाग कांड की 102वीं बरसीं मनाई गई. सभी शहीदों को एक मिनट की मौन श्रद्धांजलि देने और शहीद स्मारक स्तंभ के तैल चित्र पर माल्यार्पण के बाद अरवल विधायक महानंद सिंह व भाकपा(माले) जिला सचिव जितेंद्र यादव, खेग्रामस नेता उपेंद्र पासवान, किसान नेता राजेश्वरी यादव, सुऐब आलम, बीरबल प्रसाद, सगीर अंसारी समेत कई अन्य नेता इस मौके पर मौजूद थे.
नेताओं ने इस मौके पर कहा कि भारत में आज सत्ता की नृशंसता ने ब्रिटिश शासन की नृशंसता की याद दिला दी है. आज से 102 साल पहले जनतंत्र विरोधी कानून के विरुद्ध आंदोलित और संगठित हिन्दू-मुस्लिम किसानों और नागरिकों के आंदोलन को कुचलने के लिए जनरल डायर ने जालियांवाला बाग में नृशंस तरीके से सैकड़ों बेगुनाह लोगों को मार दिया था. ठीक ऐसा ही रवैया आज की केंद्र सरकार का है, जो खेती को कारपोरेट घराने के हवाले करने के लिए किसानों के आंदोलन को कुचल रही है. ब्रिटिश सरकार की तरह इस सरकार को भी हिन्दू-मुसलमानों की एकजुटता नहीं भाती और यह लगातार सांप्रदायिक उन्माद फैलाने एवं जनता की एकता को कमजोर करने में लगी हुई है. जिस स्वतंत्रता ओर लोकतंत्र को हमने हजारों भारतीयों के बलिदान के बाद हासिल किया था, उसके विनाश में यह सरकार लगी हुई है. चाहे एनआरसी और सीएए हो, नोटबंदी या जीएसटी हो या कृषि कानून हो - सरकार लोगों को मौत के मुंह में धकेलने का काम कर रही है. जलियांवाला बाग के शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि इस जनतंत्रविरोधी तानाशाह सरकार से मुक्ति के लिए व्यापक जनता को संगठित किया जाए.