भाकपा(माले) उत्तर प्रदेश की राज्य स्थायी कमेटी के सदस्य ओमप्रकाश सिंह के नेतृत्व में एक जांच टीम ने, जिसमें लालचंद निषाद, जयराम, राजेंद्र यादव, रामसुधार सहित कई अन्य कार्यकर्ता शामिल थे, आजमगढ़ के ग्राम नौबरार देवारा जदीद किता प्रथम के मुहल्ला रत्तन का पुरा में अगलगी की घटना की जांच के बाद इस घटना में मृत बच्चों के परिजनों एवं अन्य पीड़ितों को तत्काल क्षतिपूर्ति के बतौर क्रमशः दस लाख एवं दो-दो लाख रुपए देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि हमने आगजनी में हुई तबाही को देखा और मृत बच्चों के परिजनों व ग्रामीणों से बातचीत की. इस घटना ने जिला प्रशासन की लापरवाही एवं संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है. दिन के बारह बजे के करीब आग लगी किन्तु फायर ब्रिगेड व प्रशासनिक अमला शाम को सब कुछ खाक हो जाने के बाद पहुंचा. प्रशासन यदि समय से सक्रिय होता तो मासूम बच्चों को बचाया जा सकता था. यदि इन गरीबों को पूर्व में आवास दिया गया होता और इनके पास झोपड़ी की जगह पक्का मकान होता तो इतनी वीभत्स घटना नहीं होती. यह केवल एक दुर्घटना ही नहीं है. शासन-प्रशासन के गरीब विरोधी कृत्य इसकी भयावहता के लिए जिम्मेदार हैं. भाकपा(माले) ने सभी पीड़ितों को आवास, कम से कम एक वर्ष के लिए राशन एवं बाढ़ में डूबने से बचाने के लिए उसी गांव में बांध के दूसरी ओर स्थित बंजर भूमि में आवासीय पट्टा देने तथा लापरवाही व संवेदनहीनता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की भी मांग की. इस बाबत मुख्यमंत्री को एक पत्र भी भेजा गया है.