विगत 8 मार्च 2021 को रायबरेली (उत्तर प्रदेश) में अखिल भारतीय किसान महासभा के कार्यकर्ताओ ने कर्ज के जाल में फंस कर आत्महत्या करने वाले किसान अमरेन्द्र यादव की आत्महत्या (5 मार्च) को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया और कर्ज वसूली के लिए दबाव बनाने वालों पर कार्यवाई करने सहित किसान का कर्ज माफ करने व मृतक के परिजनों को 10 लाख रूपये का मुआवजा देने की मांग की.
किसान महासभा के प्रदर्शन को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) नेता का. विजय विद्रोही ने कहा कि अमरेन्द्र यादव की आत्महत्या मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों का परिणाम है. डीजल-खाद-बीज के दाम रोज बढ़ रहे है, खेत आवारा पशु चर रहे हैं और फसल एमएसपी के बजाय हजार-बारह सौ रूपये मे बेचनी पड़ रही है. इन्ही वजहों से अमरेन्द्र खेती में घाटे मे चला गया और मात्र 60 हजार रूपये के कर्ज में उसे आत्महत्या करनी पड़ी.
उन्होने कहा कि लाखों करोड़ रूपये के पूंजीपतियों के कर्ज को माफ करने वाली मोदी-योगी सरकार ने 60 हजार रूपये के कर्ज वसूली के लिए किसान पर आरसी काट कर इतना दबाव बनाया कि उसे आत्महत्या करनी पडी.
किसान महासभा के जिला अध्यक्ष फूलचंद मार्य ने कहा कि अमरेन्द्र यादव की आत्महत्या की जिम्मेदार सरकार व प्रशासन है, अमरेन्द्र यादव के सभी कृषि कर्ज माफ हों व परिवार को 10 लाख रूपये मुआवजा दिया जाये. उन्होंने जिले में एमएसपी पर गेहूं खरीद के लिए पंचायत स्तर पर खरीद केन्द्र खोले जाने की मांग उठाई. उन्होने कहा कि कर्ज माफी व मुआवजा नहीं दिया गया तो अखिल भारतीय किसान महासभा अमरेन्द्र के गांव केसौली में 20 मार्च को किसान पंचायत लगाकर आन्दोलन तेज करेगी.
प्रदर्शन के जरिये तीन सूत्री ज्ञापन जिलाधिकारी के नाम सौपा गया. प्रदर्शन मे जिला उपाध्यक्ष अंसार अहमद, राही ब्लाक अध्यक्ष रामधनी, रामा देवी, राजमोहन विश्वकर्मा, अफरोज आलम, सरोज आदि शामिल थे.