गन्ना का मुल्य 400 रू. प्रति क्विंटल निर्धारित करने तथा देश में जारी किसान आंदोलन की मांगों का समर्थन करते हुए बिहार के गन्ना किसानों ने विगत 28 जनवरी को राज्य के कई चीनी मिलों के समक्ष धरना दिया.
नरकटियागंज (प. चंपारण) में राज्य स्तरीय कार्यक्रम के तहत अखिल भारतीय किसान महासभा ने गन्ना किसानों की विभिन्न मांगो को लेकर विरोध-मार्च निकाला जो शहर के मुख्य मार्ग होते हुए चीनी मिल गेट पहुंचा. वहां आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सह सचिव उमेश सिंह ने कहा कि आज देश व प्रदेश की सरकार किसानों के खुन चूसने पर अमादा है. 1966 के गन्ना नियंत्रण आदेश में 2009 के संशोधन के बाद केन्द्र व राज्य सरकार तथा चीनी मिलों के एसोसिएशन के अनुसार गन्ना का रेट निर्धारित कर रही हैं जो किसानो के लिए शोषणकारी है. इस साल तो मोदी सरकार ने गन्ना का रेट 285 रूपया प्रति क्विंटल निर्धारित कर अपने असली चेहरे को उजागर कर दिया. सिकटा के विधायक का. बीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि आज देश के अन्नदाता मोदी की हिटलरशाही नीतियों के खिलाफ आन्दोलित हैं. यह केवल किसानो का ही आन्दोलन नही है बल्कि देश की रोटी बचाने का आन्दोलन है. उन्होंने चीनी मिल प्रबंधक को ज्ञापन देकर गन्ना का रेट 400 रूपया प्रति क्विंटल तय करने, घटतौली पर रोक लगाने, गन्ना आच्छादित क्षेत्र की मापी, आपूर्ति चालान आदि को पारदर्शी बनाने तथा छोटे बटाईदार किसानो को चालान का प्रबंधन समय-समय पर करने और गन्ना के अगात, माध्यम और देर प्रभेदो को उच्च, समान्य आदि के नाम पर किसानों की लुट का खेल बंद करने की मांग की.
प्रदर्शन में माले नेता मुख्तार मियां, केदार राम, जाजुल गद्दी, लालजी यादव, नन्दू महतो, जिला किसान नेता इन्द्रेव कुशवाहा, शेख युनुस, मोहम्मद तबरेज, अक्षयलाल राम आदि सैकड़ो किसान नेता शामिल थे.