उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में इनौस का प्रथम जिला सम्मेलन विगत 24 जनवरी 2021 को ‘बेरोजगारी और अपमान, अब और नहीं सहेगा नौजवान’, ‘रोजगार कहां है योगी जी’ नारे के साथ संपन्न हुआ.
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि पिछले 3 साल में 3 लाख से कम नौकरी देने वाली उत्तर प्रदेश की सरकार रोजगार देने में अव्वल होने का प्रचार-प्रसार जोर-शोर से कर रही है जबकि बड़े प्रशासनिक सुधार के नाम पर 10, 000 प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने व सिंचाई विभाग में 10,000 पदों को समाप्त करने के साथ ही 95 विभागों को 54 विभागों में समाहित करने व समूह (ग) की भर्ती में 5 साल संविदा तथा नियुक्ति पाने की उम्र 40 वर्ष से घटाकर 30 वर्ष करने की योजना लागू करने जा रही है. राजकीय डिग्री काॅलेजों को विश्वविद्यालयों को सौंपकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रही है और स्थाई पदों को ठेका -- संविदा पर रखने का रास्ता खोल रही है.
सरकार ‘एक पंथ कई कार्य’ की नीति पर आगे बढ़ रही है. उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के दिन 24 जनवरी 2021 को एक ऐप लांच कर के उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उत्तर प्रदेश के नौजवानों के लिए रोजगार के खूब अवसर उपलब्ध करा रही है. जबकि रोजगार के नाम पर स्वरोजगार करने के लिए कर्ज उपलब्ध कराने की बात सरकार बोल रही है. इससे एक बात स्पष्ट है कि सरकार स्थाई सम्मानजनक रोजगार देने के बजाय कर्ज देने को रोजगार देने के रूप में प्रचारित कर रही है. नौजवान योगी के झूठे प्रचार का जवाब आंदोलन से देगा.
सम्मेलन को भाकपा(माले) राज्य कमेटी सदस्य राधेश्याम मौर्य और डाक्टर एस आलम ने संबोधित किया. सम्मेलन ने आइसा उपाध्यक्ष नितिन राज पर एनआरसी आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने तथा उनकी अविलंब रिहाई, तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने, सभी नौजवानों को बीस हजार रुपए मासिक बेरोजगारी भत्ते का कानून बनाने, यूपी में कोरोना के नाम पर अनवरत धारा 144 लागू कर परोक्ष रूप से लागू आपातकाल को समाप्त कर सभी तरह की लोकतांत्रिक गतिविधियों को बहाल करने आदि संबंधी प्रस्ताव पारित किए.
नवनिर्वाचित जिला कमेटी ने बेरोजगारी और अपमान के खिलाफ आंदोलन तेज करते हुए योगी-मोदी राज के सांप्रदायिक फासीवादी निजाम के खिलाफ जिले के व्यापक नौजवानों को गोलबंद करने का का संकल्प लिया. जोरदार नारों के साथ सम्मेलन का समापन हुआ.