अखिल भारतीय किसान महासभा ने दिल्ली में आज हुई किसान ट्रैक्टर परेड को ऐतिहासिक बताते हुए तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की कानूनी बाध्यता का कानून लाने तक आंदोलन जारी रखने का आह्वान किया है. दिल्ली के नागरिकों द्वारा किसानों के इस ट्रैक्टर परेड का दिल खोल कर स्वागत करना दिखाता है कि इस आंदोलन को न सिर्फ किसानों मजदूरों का समर्थन प्राप्त है, बल्कि शहरी मध्यवर्ग की भी किसानों के इस आंदोलन के साथ गहरी सहानुभूति जुड़ी हुई है.
किसान महासभा ने किसान परेड के दौरान लाल किला, आईटीओ और नागलोई में हुई चंद छोटी घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इन घटनाओं से पिछले पांच माह से चल रहे शांतिपूर्ण और अनुशासित किसान आंदोलन को नुकसान पहुंचा है. किसान महासभा ने इन घटनाओं के लिए केंद्र सरकार को पूरी तरह जिम्मेदार बताया है, जिसने पांच माह से संघर्षरत किसानों की मांगों के प्रति पूर्ण उपेक्षा का रुख अपनाया हुआ है. साथ ही इस शांतिपूर्ण और अनुशासित आंदोलन को भटकाने की केंद्र सरकार और भाजपा की साजिशें भी लगातार उजागर हो रही हैं.
किसान महासभा के अनुसार किसान ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध रही है. परेड में चल रहे किसानों के अनुसार संघू बॉर्डर के मुकरबा चौक से पहले और गाजीपुर बॉर्डर के आनंद विहार मोड़ पर किसान परेड के लिए तय रूटों पर भी पुलिस द्वारा बैरीकेट लगाए गए थे, ताकि किसान उत्तेजित होकर बैरीकेट तोड़ें.
किसान महासभा ने कहा कि किसान ऐसी तमाम ताकतों से सावधान रहें जिनकी कार्यवाही आंदोलन को अपने उद्देश्य से भटकाने या सरकार के मंसूबों की पूर्ति कर रही हो.