झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने विगत 29 दिसंबर 2020 को अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा कर लिया है. हालांकि यह सही है कि इस दौरान उसे केंद्र की सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे सौतेला और भेदभावपूर्ण कारगुजारियों का सामना करना पड़ रहा है. वही प्रदेश में विपक्ष में बैठी उसी सरकार के प्रमुख दल भाजपा द्वारा आए दिन हेमंत सोरेन की सरकार को अस्थिर करने की कवायदें भी किसी से छुपी नहीं हैं.
बावजूद इसके यह भी उतना ही सत्य है कि प्रदेश की व्यापक जनता ने जिन उम्मीदों से इस सरकार को अपना जनादेश दिया है, उस कसौटी पर इस सरकार के अब तक के काम काज का हिसाब किताब करना भी बेहद जरूरी है.
विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन व उनकी पार्टी झामुमो तथा उसके गठबंधन ने प्रदेश की जनता से जिन वायदों व घोषणाओं पर वोट मांगे थे तथा जनादेश हासिल करने के पश्चात राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई उनका कार्यान्वयन और झारखंड की जनता के सही विकास के लिए सरकार की प्राथमिकता के काम काज की कसौटी पर भाकपा(माले) झारखंड प्रदेश की जनता की ओर से ‘वादा निभाओ हेमंत सोरेन सरकार’ के नाम से राज्यव्यापी जन अभियान चलाते हुए विगत 28 दिसम्बर 2020 को राज्य भर में ‘वादा निभाओ हेमंत सरकार’ कार्यक्रम आयोजित किया.
रांची में पार्टी कार्यालय से रैली निकाल कर अल्बर्ट एक्का चौक पर सभा की गई. सभा के माध्यम से मुख्यमंत्री को उनके द्वारा किए वायदे का याद कराया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य सचिव कामरेड जनार्दन प्रसाद ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर बधाई के साथ हम हेमंत सरकार के द्वारा जनता से किए वायदे को भी याद कराने आए हैं. मुख्यमंत्री से हम कल के सरकारी समारोह में अपने किए वायदे को जमीन पर उतारने की मांग करते हैं और भूमि आबंटन, कंपनियों के साथ हुए एमओयू, विस्थापितों पर हुए गोलीकांड और माॅब लींचिंग की घटनाओं की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर अविलंब कार्रवाई की मांग करते हैं. हमारी मांगे नहीं सुनी गईं तो आनेवाले दिनों में आन्दोलन तेज होगा.
जिला सचिव भुवनेश्वर केवट ने कहा कि हेमंत सरकार से जनता को बहुत ढेर सारी उम्मीदें हैं, इसलिए सिर्फ घोषणाओं से काम नहीं चलेगा. अब हेमन्त सरकार द्वारा वायदों को पूरा करने का वक्त आ गया है. उसे मजदूरों व युवाओं को रोजगार देने और मानदेयकर्मियो को स्थायी करने सम्बन्धी फैसले लेने लेने होंगे. सभा को नेता अजब लाल सिंह, भीम साहू, आइती तिर्की, शांति सेन, एनामुल हक, विनोद ठाकुर, नोरीन अख्तर समेत कई नेताओं ने संबोधित किया.
‘वादा निभाओ हेमंत सरकार’ के नारे के साथ कोडरमा जिला मुख्यालय में धरना दिया गया जिसकी अध्यक्षता जिला सचिव मोहन दत्ता एवं संचालन जयनगर प्रखंड सचिव अशोक यादव ने की. धरना में कार्यकारी जिला सचिव इब्राहिम, किसान महासभा के संयोजक राजेंद्र मेहता, जिला कमेटी सदस्य संदीप कुमार, मुन्ना यादव, तुलसी कुमार राणा, अशोक यादव, भागीरथ सिंह, सुरेंद्र सिंह, शंभू नाथ वर्मा, राजेंद्र प्रसाद, छात्र-युवा नेता मो. सलीम व कौलेश्वर राणा, ऐपवा नेत्री नीलम शाहाबादी, जसम के नागेश्वर प्रसाद, एक्टू नेता विजय पासवान आदि समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे.
नेताओं ने कहा कि रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा की सरकार के कुशासन से मुक्त होने की छटपटाहट एवं हेमंत सरकार के द्वारा जनता से किए गए वायदे के कारण झारखंड में यूपीए की सरकार बनी. लेकिन आज साल भर पूरे होने के बाद भी आम अवाम को सरकार बदलने का कोई फायदा नहीं दिख रहा है. सरकारी संस्थानों में पहले की ही तरह भ्रष्टाचार है और जनता को न्याय नहीं मिल रहा है. धरना के बाद उपायुक्त को एक 13-सूत्री मांग पत्र सौंपा गया.
रांची व कोडरमा के अलावा गिरीडीह, गढ़वा, पलामू, रामगढ़, धनबाद, बोकारो, देवघर, दुमका, जमशेदपुर समेत कई जिलों में धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम किया गया.
रांची में छात्रा संगठन आइसा ने भी नौरीन अख्तर और तरुण राज के नेतृत्व में ‘वादा निभाओ’ रैली निकली. छात्रों ने फीस माफी, रोजगार, डिजिटल डिवाइस आदि मुद्दों पर सरकार से स्पष्ट समाधान की मांग की. उनका कहना था कि झारखंड जैसे गरीब राज्य में ऑनलाइन शिक्षा सब के पहुंच में नहीं है. राज्य के कितने छात्रों के पास लैपटाॅप है जो वे ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा पा सकते हैं? इसलिए छात्रों को लैपटाॅप व मोबाइल उपलब्ध कराया जाए. इंटरनेट पैक इतना महंगा है कि गरीब छात्र शिक्षा से वंचित हैं. अल्बर्ट एक्का चौक पर रैली के बाद छात्रों ने बैठक की बैठक भी हुई जिसे इंकलाबी नौजवान सभा के रूपक राग और आकाश रंजन ने भी संबोधित किया जिसमें उन्होंने छात्रवृत्ति और फेलोशिप की राशि अविलंब वितरित करने के साथ विश्वविद्यालयों को खोलने की मांग की. रैली में श्वेता, सोनाली, ओवैद, आलोक, सरिता, शशि, ममता आदि मौजूद थे.
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हमें आशा है कि उक्त मुद्दों के साथ साथ प्रदेश व यहां के वासियों के सतत और वास्तविक विकास के लिए हेमंत सोरेन सरकार संकल्पबद्ध होकर कार्य करेगी. झारखंड की भाषा-संस्कृति के पठन-पाठन और सम्यक विकास के कारगर उपाय किए जाएं.
निवेदक: भाकपा(माले), झारखंड राज्य कमिटी
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