वर्ष - 29
अंक - 30
24-07-2020

भाकपा(माले) राज्य सचिव कुणाल व पार्टी की केंद्रीय कमेटी के सदस्य व पश्चिम चंपारण के प्रभारी वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने 18 जुलाई को बयान जारी करके कहा है कि भाजपा-जदयू शासन में दलितों-गरीबों पर दमन की घटना में कोई कमी नहीं आ रही है, बल्कि वह निरंतर बढ़ती ही जा रही है. आज भी पश्चिम चंपारण में इस्टेटों का राज चलता है और दलितों का उत्पीड़न बदस्तूर जारी है. इन लोगों को भाजपा-जदयू का खुलेआम संरक्षण हासिल है.

आज से करीब 15 वर्ष पहले एडीएम की पिटाई मामले को लेकर गौनाहा चर्चा में आया था. उसी गांव के वनबैरिया में विगत 17 जुलाई को दलित मुसहर लोगों की बर्बर पिटाई रामनगर इस्टेट के गुर्गों द्वारा की गई. दरअसल, वहां के एडीएम ने रामनगर इस्टेट की मर्जी के खिलाफ गरीबों को जमीन का पर्चा दिया था. दलित मुशहरों ने अपने टोले में बिजली लाने की कोशिश की, लेकिन करीब एक पखवाड़े पहले मुसहर लोगों के टोले की बिजली को रामनगर इस्टेट के गुर्गों ने नाजायज तरीके से काट दिया.

इसके बाद दलित लोग रामनगर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक के यहां गए. लेकिन उनकी बात दलित महिला विधायक ने अनसुनी कर दी. तब उन्होंने भाकपा(माले) नेताओं से सम्पर्क किया. माले नेताओं ने विद्युत विभाग से सम्पर्क किया. विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने पांच दिन पहले बिजली आपूर्ति करने की कोशिश की जिन्हें रामनगर इस्टेट के गुर्गों ने भगा दिया. फिर विद्युत विभाग के एसडीओ ने पहल की और 17 जुलाई को शाम पांच बजे टांसफार्मर से बिजली आपूर्ति करने की व्यवस्था की.

उसके बाद ही गांव में रामनगर इस्टेट के गुर्गों ने रात आठ बजे राइफल, बंदूक, लाठी, भाला से लैस होकर दलित टोले पर हमला कर दिया. गरीबों के घरों के छप्परों को तोड़फोड़ दिया गया. राशन का अनाज बिखेर दिया गया. लाल बिहारी मांझी की मोटरसाइकिल चूर कर दी गई. जाति सूचक गालियां दी गईं. पकड़ में आए धर्मेंद्र मांझी, उनकी पत्नी कुमारी देवी, पतिया देवी, बन्हु मांझी, सुरेश मांझी, ज्ञानी मांझी, कौशल्या देवी, मैनेजर मांझी की बर्बर पिटाई की गई.

उपर्युक्त बर्बर घटना की जांच के बाद भाकपा(माले) के जिला नेता कामरेड मुख्तार मियां, लालजी यादव व नन्द किशोर महतो ने बताया कि वनबैरिया गांव में रामनगर इस्टेट के गुर्गों का आतंक कायम है. गरीब मजदूर परिवारों पर आज भी वहां काफी उत्पीड़न है. राजा और उसके गुर्गों की मर्जी के खिलाफ कोई कुछ नहीं बोल सकता.

वहां आज भी देश की आजादी के बाद बने संविधान के अनुसार नहीं, बल्कि राजा और उसके गुर्गों की मर्जी का शासन चलता है. जांच दल के नेताओं ने राजा के गुर्गों पर एफआईआर दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है. उन्होंने सभी घायलों का इलाज कराने की मांग की है. गर्भवती घायल महिला कुमारी देवी की स्थिति ठीक नहीं है.

20 जुलाई को पूरे जिला में प्रतिवाद कार्यक्रम की घोषणा की गई है.