वर्ष - 29
अंक - 24
30-04-2020

क्वारन्टीन सेंटरों की दुर्दशा, स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली और प्रवासियों को लेकर बनाये जा रहे भय के माहौल के खिलाफ उत्तराखंड में वामपंथी व जनवादी संगठनों, व्यक्तियों की ओर से संयुक्त धरने का आह्वान किया गया था. इसके तहत बुद्ध पार्क में लाॅकडाउन के नियमों का पालन करते हुए धरना आयोजित किया गया. इस धरने में भाकपा(माले), क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, अम्बेडकर मिशन एन्ड फाउंडेशन, ‘पछास’ आदि संगठन शामिल रहे.

धरने के पश्चात राज्य के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया जिसमें मांग की गई कि रिहायशी स्थलों को ही क्वारंटीन सेंटर बनाया जाये, जिनमें सभी आवश्यक सुविधाएं और साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था हो. गैर-रिहायशी भवनों, जैसे - स्कूल, पंचायत घर आदि को क्वारंटीन सेंटर न बनाया जाये. क्वारंटीन सेंटरों में गुणवत्तापूर्ण भोजन दिया जाये व नैनीताल के तल्ली सेठी स्थित क्वारंटीन सेंटर में सर्पदंश से मरने वाली बच्ची के परिजन को दस लाख रुपया मुआवजा दिया जाये.

उत्तराखंड में कोरोना के तेज प्रसार को देखते हुए जिला व ब्लाॅक स्तरों पर टेस्टिंग सुविधा बढ़ाए जाने की जरूरत है. बाहर से आने वालों के प्रति सरकारी तंत्र के भयपूर्ण प्रचार अभियान पर रोक लगाई जाये. कोरोना की रोकथाम के लिए जो मेडिकल उपाय किए जाने हैं, वे प्रभावी तरीके से लागू किए जाएं.

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लगे हुए सभी स्वास्थ्य कर्मियों, आशा व आंगनबाड़ी कर्मियों, भोजनमाताओं, पुलिस, पीआरडी, होमगार्ड आदि को संक्रमण से बचाने के लिए समुचित प्रबंध किए जाएं. साथ ही, राज्य के अंदर और बाहर यात्रियों को लाने-ले जाने वाले वाहन चालकों और परिचालकों की भी स्वास्थ्य रक्षा हेतु समुचित उपाय किए जाएं. इन सब का निरंतर स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाये. प्राथमिक चिकित्सालयों से लेकर सभी सरकारी अस्पतालों में डाक्टर एवं अन्य स्टाफ का तत्काल पर्याप्त इंतजाम किया जाये. प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं की वर्तमान स्थिति पर राज्य सरकार द्वारा श्वेत पत्र जारी किए जाने की मांग हम करते हैं.

चूंकि यह चिकित्सीय आपदा का समय है, इसलिए तमाम निजी अस्पतालों को सरकार आपदा काल के लिए अधिगृहीत करे.

इस अवसर पर लाॅकडाउन नियमों के तहत दूरी का पालन करते हुए माले के जिला सचिव डा. कैलाश पाण्डेय, अम्बेडकर मिशन के अध्यक्ष जीआर टम्टा, सुंदर लाल बौद्ध, ‘क्रालोस’ के टीआर पाण्डे और ‘पछास’ के महेंद्र मौजूद रहे. इसके अलावा उमेश, महेश, नसीम, उमेश पाण्डे, रियासत आदि ने धरने का बाहर से समर्थन किया.

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