वर्ष - 29
अंक - 25
13-06-2020

मजदूरों, गरीबों, किसानों और समाज के सभी कामकाजी हिस्से को गहरे संकट में डालकर तथा देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह चौपट करके भाजपा द्वारा बिहार में आभासी रैली के जरिए चुनाव तैयारी आरंभ किए जाने के खिलाफ 7 जून 2020 को वाम दलों के आह्वान पर राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में शारीरिक दूरी व कोरोना से बचाव के उपायों के नियमों का पालन करते हुए विरोध दिवस का आयोजन किया गया.

पटना में जनशक्ति कैंपस के सामने वाम नेताओं ने धरना दिया. इसमें मुख्य रूप से भाकपा(माले) के राज्य सचिव कुणाल, पोलितब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा; सीपीआइ(एम) के अरूण कुमार मिश्रा, रामपरी देवी, मनोज चंद्रवंशी; सीपीआई के विजय नारायण मिश्र, रविन्द्र नाथ राय, रामलला सिंह आदि नेता शामिल थे. इन नेताओं के अलावा ऐपवा की राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे, राज्य सचिव शशि यादव, ऐक्टू के राज्य महासचिव आरएन ठाकुर, राष्ट्रीय सचिव रणविजय कुमार, पार्टी के पटना जिला कार्यकारी सचिव जितेन्द्र कुमार, मुर्तजा अली, सत्येन्द्र शर्मा, पन्नालाल, युवा नेता विनय कुमार, महिला समाज की निवेदिता सहित दर्जनों की संख्या में वाम दलों के कार्यकर्ता शामिल हुए.

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इस धरना में माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि जब पूरा देश मोदी सरकार द्वारा अनप्लानड तरीके से लागू किए गए लाॅकडाउन की वजह से गहरे संकट में पफंसा हुआ हैऋ आम जनता रोजगार, भूख, बीमारी व अन्य कई प्रकार की समस्याएं झेल रही है और कोरोना का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है, तब इन समस्याओं से आम लोगों को निजात देने की बजाए भाजपा-जदयू के लोग बिहार विधान सभा चुनाव की तैयारी में लग गए हैं. अभी प्रवासी मजदूरों व आम लोगों को राशन व रोजगार चाहिए न कि भाषण. उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी मजदूरों के प्रति इस सरकार के नफरत भरे रवैये का पता इसी से चलता है कि पुलिस विभाग ने बाजाप्ता सरकारी पत्र निकालकर सभी जिलाधीशों को आगाह किया था कि बाहर से आए मजदूर समाज में उपद्रव मचा सकते हैं. विपक्ष के दबाव में यह पत्रा सरकार को वापस लेना पड़ा, लेकिन इससे सरकार की मानसिकता का तो पता चलता ही है.

कामरेड धीरेन्द्र झा ने कहा कि अभी रोजगार का सवाल सरकार की प्राथमिकता में होनी चाहिए, लेकिन अमित शाह आभासी रैली कर रहे हैं. देश की जनता को कोरोना व भूखमरी से मरने के लिए छोड़ दिया है. कई जगहों से रिपोर्ट मिल रही है कि मजदूरों से काम करवाने की बजाय जेसीबी मशीन से काम करवाया जा रहा है. इस पर अविलंब रोक लगनी चाहिए. हमारी मांग है कि मनरेगा में मजदूरों को काम दिया जाए. कम से कम 200 दिन काम व 500 रु. न्यूनतम मजदूरी की गारंटी की जाए. जो बाहर से मजदूर आए हैं, उनके लिए सरकार रोजगार की व्यवस्था करे. इनकटम टैक्स के दायरे से बाहर सभी परिवारों को 6 माह तक 7500 रु. गुजारा भत्ता दिया जाए. ऐडवा की रामपरी देवी ने कहा कि सरकार क्वारंटीन सेंटरों को खत्म कर रही है, हम इसका विरोध करते हैं. सीपीआई के विजय नारायण मिश्र ने कहा कि सभी किसानों के केसीसी सहित सभी प्रकार के कर्ज माफ होने चाहिए. रणविजय कुमार ने कहा कि सभी परिवारों के लिए 10 किलो राशन का प्रबंध करना सरकार का दायित्व होना चाहिए, न कि आभासी रैली करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. नेताओं ने भूख-प्यास भरी यात्रा में थकान व दुर्घटना अथवा क्वारंटीन सेंटर में मौत के शिकार लोगों के परिजनों के लिए 20-20 लाख रुपए मुआवजे की मांग कीपटना के चितकोहरा में आयोजित विरोध दिवस कार्यक्रम में माले के पोलितब्यूरो सदस्य अमर, ललन सिंह, दिलीप सिंह आदि नेताओं ने भाग लिया. दीघा में माले नेता रामकल्याण सिंह, वशिष्ठ यादव व छोटू जी के नेतृत्व में विरोध दिवस का आयोजन किया गया. ऐपवा नेता अनिता सिन्हा, राखी मेहता, पटना सिटी में शंभूनाथ मेहता आदि नेताओं ने अपने आवास पर धरना दिया.

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मुजफ्फरपुर में शहर से गांव तक विश्वासघात और धिक्कार दिवस मनाया गया. इस दौरान शहर में खुदीराम बोस स्मारक स्थल के सामने बड़ी संख्या में भाकपा(माले), सीपीआई, सीपीएम और पफाॅरवार्ड ब्लाॅक के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर वर्चुअल रैली नहीं, बल्कि रोजगार व कोरोना से बेहतर इलाज की गारंटी करने की मांग पटना-दिल्ली की सरकारों से की. वाम दलों ने सरकार से लाॅकडाउन से तबाह आमलोगों को संकट से उबारने के लिए 7-सूत्री मांगों को लागू करने की आवाज उठाई.

विरोध प्रदर्शन में सीपीएम के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर शुक्ला, भाकपा(माले) के शत्रुघ्न सहनी, सकल ठाकुर, प्रोअरविंद कुमार डे, फहद जमां, सीपीआई के जिला सचिव रामकिशोर झा, चंदेश्वर चौधरी, शंभूशरण ठाकुर, सीपीएम के जिला सचिव अब्दुल गफ्फार, नमिता सिंह, फाॅरवार्ड ब्लाॅक के जिला अध्यक्ष रोहित सिंह, हबीब अंसारी सहित दर्जनों वाम कार्यकर्ताओं, महिलाओं व नौजवानों ने भाग लिया.

शहर के अन्य क्षेत्रों व मुहल्लों के साथ-साथ मुशहरी, बोचहां, गायघाट, कुढ़नी, बंदरा, साहेबगंज सहित सभी प्रखंडों के दर्जनों गांव-पंचायतों में भी विरोध प्रदर्शन किया गया जिसमें भाकपा(माले) जिला सचिव कृष्णमोहन, इंसाफ मंच के राज्य अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह, ऐपवा की जिला सह सचिव निर्मला सिंह, इंकलाबी नौजवान सभा के जिला सचिव राहुल कुमार सिंह, माले नेता जितेन्द्र यादव, होरिल राय, रामबली मेहता, विश्वकर्मा शर्मा, रामबालक सहनी, मोकरीम, उमेश भारती व अन्य कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.

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सारण जिला में पानापुर के पिपरा गांव में माले जिला कमेटी सदस्य अनुज कुमार दास और कटिहार जिले में बारसोई के ग्वालटोली में का. महबूब आलम के नेतृत्व में धरना हुआ. अरवल के विभिन्न प्रखंडों के दर्जनों गांवों में धरना कार्यक्रम स्रगठित किए गए. पार्टी जिला कार्यालय में जिला सचिव महानंद, नगर सचिव नंदकिशोर कुमार, ऐपवा नेता लीला वर्मा, कार्यालय सचिव शोएब आलम, कृष्ण कुमार आदि ने धरना दिया. औरंगाबाद के पार्टी जिला कार्यालय और दाउदनगर पार्टी कार्यालय में धरना हुआ, वहीं बेगूसराय के बलिया व नावकोठी में धरना दिया गया. भागलपुर में सुर्खीकल स्थित यूनियन कार्यालय, नौगछिया और कहलगांव में धरना कार्यक्रम हुए.

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बिहारशरीफ में भाकपा(माले), भाकपा और माकपा कार्यकर्ता जुलूस की शक्ल में श्रमकल्याण केंद्र मैदान से हाॅस्पीटल मोड़ होते हुए भरावपर गए और फिर श्रम कल्याण केंद्र वापस आकर उन्होंने सभा की. भाकपा(माले) जिला कमेटी सदस्य पाल बिहारी लाल व मकसूदन शर्मा तथा आइसा के जयंत आनंद व इंसाफ मंच के सरफराज अहमद खान; भाकपा के जिला सचिव नरेश प्रसाद व मोहन प्रसाद और माकपा के हरेंद्र चौधरी व जिला सचिव जनार्दन प्रसाद ने इस जुलूस-सभा कार्यक्रम का नेतृत्व किया.

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पश्चिम चंपारण के मझौलिया, बैरिया, गौनहा, बेतिया, नरकटियागंज, मैनाटांड, सिकटा आदि कई जगहों पर धरना दिया गया. जमुई जिले में चकाई प्रखंड के बोंगी, डढवा, दुलमपुर पंचायतों और सगदनीडीह पार्टी कार्यालय में कासंजय राय, कारमानी राय, माइकल हांसदा, मो. सलीम अंसारी, जयप्रकाश दास, मनोज कुमार पांडेय आदि ने धरना कार्यक्रम की अगुवाई की. वहीं सहरसा में भाकपा के ओम प्रकाश नारायण व विजय कुमार यादव, माकपा के विनोद कुमार व रणधीर कुमार तथा भाकपा(माले) के जिला सचिव ललन यादव व खेग्रामस नेता विक्की राम ने संयुक्त रूप से प्रतिवाद कार्यक्रम का नेतृत्व किया.

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मोतिहारी जिले के बेलीसराय में का. विष्णुदेव प्रसाद, भाग्यनारायण चौधरी व भैरवदयाल सिंह पार्टी जिला कार्यालय में जिला सचिव प्रभुदेव यादव व रूपलाल शर्मा तथा रक्सौल में ऐपवा नेत्री देवंती देवी ने धरना का नेतृत्व किया. वैशाली के राजापाकर में किसान महासभा के राज्याध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव; बहुआरा पंचायत में डा. ज्वाला कुमार तथा बरियारपुर बुजुर्ग में माले जिला सचिव योगेंद्र राय के नेतृत्व में धरना दिया गया.

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समस्तीपुर के ताजपुर व उजियारपुर में; तथा जयनगर समेत दरभंगा के कई स्थानों पर तीनों वाम दलों ने संयुक्त सभाएं कीं. नवादा के रजौली में भाकपा(माले), भाकपा और माकपा ने संयुक्त धरना आयोजित किया. गया के जिला पार्टी कार्यालय समेत जिले के कई स्थानों पर धरना दिया गया. भोजपुर के कोइलवर, इसाढ़ी बाजार, उदवंतनगर, आरा नगर, गड़हनी, तरारी, सहार आदि प्रखंड केंद्रों पर प्रदर्शन किए गए. सिवान, गोपालगंज, रोहतास, बक्सर, मधेपुरा आदि जिला केंद्रों पर भी विरोध दर्ज किए गए.

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सभाएं कीं नवादा के रजौली में भाकपा(माले), भाकपा और माकपा ने संयुक्त धरना आयोजित किया. गया के जिला पार्टी कार्यालय समेत जिले के कई स्थानो पर धरना दिया गया. भोजपुर के कोइलवर, इसाढ़ी बाजार, उदवंतनगर, आरा, गड़हनी, तरारी, सहार आदि प्रखंड केंद्रों पर प्रदर्शन किया गए. सिवान, गोपालगंज, रोहतास, बक्सर, मधेपुरा आदि जिला केंद्रों पर भी विरोध दर्ज किया गए.

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वाम नेताओं ने कहा कि देश और बिहार को गहरे संकट में डालकर यदि भाजपा-जदयू चुनाव जीत लेने का सपना देख रहे हैं, तो वे बड़ी गलतफहमी में हैं. प्रवासी मजदूर, दलित-गरीब, छात्र-नौजवान, किसान, व्यापारी, स्वंय सहायता समूह, आंगनबाड़ी सेविका सहायिका, आशाकर्मी और विद्यालय रसोइया – यानि, समूचा कामकाजी हिस्सा भाजपा व जदयू से हिसाब चुकता करेंगेआने वाले दिनों में विपक्ष की और बड़ी एकता बनाते हुए भाजपा-जदयू के इस मानव व देशद्रोही कदमों के खिलाफ व्यापक आंदोलन चलाया जाएगा.

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7 जून के कार्यक्रम की मांगें

1) आयकर देने वालों को छोड़कर सभी परिवारों को छह महीने की अवधि तक प्रति माह 7500 रुपया नकद दो!
2) 6 महीने की अवधि तक प्रति माह प्रति व्यक्ति 10 किलो राशन दो!
3) फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए मुफ्त परिवहन, भोजन और पानी की व्यवस्था करो!
4) मनरेगा में बढ़ी हुई मजदूरी के साथ न्यूनतम 200 दिन काम दो! शहरी गरीबों के लिए भी रोजगार गारंटी योजना का विस्तार करो!
5) भूख-प्यास, दुर्घटना, बीमारी और क्वारंटीन सेंटरों के मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा दो!
6) क्वारंटीन सेंटरों को लाॅकडाउन की संपूर्ण अवधि तक चालू रखो और इसकी व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करो! ज्यादा जांच और इलाज की बेहतर व्यवस्था करो!
7) किसानों के केसीसी सहित तमाम कर्ज और स्वयं सहायता समूहों के कर्ज माफ करो! तमाम किस्म के फसलों की अनिवार्य खरीद की गारंटी करो!

– कुमार परवेज