वर्ष - 29
अंक - 25
13-06-2020

योजना-विहीन लाॅकडाउन के बाद जब बदहाली और भुखमरी फैलने लगी, तो कोलकाता के कामरेडों ने हमारे कामकाज के सभी इलाकों में राहत कार्य में पहलकदमी लेना शुरू किया. जादवपुर की लोकल पार्टी कमेटी ने इस मामले में उल्लेखनीय भूमिका निभाई. प्रगतिशील नागरिकों एवं हमारे पार्टी समर्थकों ने नकद और सामान के रूप में योगदान किया और जिन लोगों को भोजन और अन्य सहायता की सबसे ज्यादा जरूरत थी उनके बीच राहत कूपन बांटे गये. आस-पास के 4-5 म्युनिसिपल वार्डों के अलावा हमारे कामरेडों ने अपनी आजीविका खो बैठे कश्मीरी फेरीवालों एवं अन्य लोगों तक को मदद पहुंचाई. यहां तक कि हमने जादवपुर इलाके से बाहर भी राहत पहुंचाई. आज तक कोई 2,300 लोगों के बीच 2.2 लाख रुपये की राहत सामग्री बांटी जा चुकी है.

लेकिन तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय पार्षद को हमारी यह पहल बर्दाश्त नहीं हुई. तृणमूल पार्षद हम पर दबाव डालने लगा कि स्थानीय पुलिस थाने के माध्यम से राहत कार्य चलाया जाए. हमने इस दबाव का प्रतिरोध किया और राहत अभियान जारी रखा. 12 मई को तृणमूल कांग्रेस के एक गुंडे ने पार्टी की जादवपुर लोकल कमेटी के सचिव बाबुन चटर्जी पर तब हमला कर दिया जब वे पार्टी कार्यालय आ रहे थे.

तुरंत स्थानीय पार्टी कामरेड जमा होकर स्थानीय थाने गये जहां पार्टी जिला कमेटी की ओर से एफआईआर दर्ज कराया गया. पुलिस कोई कदम उठाने में हिचकिचा रही थी इसलिये दूसरे ही दिन पुलिस थाने के सामने एक जुझारू प्रतिवाद प्रदर्शन संगठित किया गया. अन्य वामपंथी पार्टियों के एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने मुजरिम को गिरफ्तार करने की मांग पर एक ज्ञापन सौंपा. थाना प्रभारी ने तीन दिनों के अंदर कार्यवाही करने का वादा किया. कोलकाता एवं वृहत्तर कोलकाता के अन्य हिस्सों में भी कामरेडों ने तुरंत प्रतिवाद कार्यक्रम आयोजित किये. पुलिस ने मजबूर होकर मुजरिम को चेतावनी जारी कीसाथ ही राहत कार्य जारी रखने में हमारी पार्टी को आवश्यक सहयोग एवं सुरक्षा देने का प्रबंध किया.