वर्ष - 29
अंक - 19
02-05-2020

बीती रात हुई लगातार बारिश के बावजूद उत्तरी बंगाल के चाय बगान मजदूरों ने 27 अप्रैल को छोटे-छोटे समूहों में जमा होकर एैक्टू द्वारा आहूत मांग दिवस का पालन किया. उन्होंने हाथ से लिखी तख्तियां लेकर और नारे लगाते हुए मांगपत्र बंद व बीमार पड़े चाय बगानों के मजदूरों की सम्स्याओं और लाॅकडाउन के दौरान बकाया मजदूरी के भुगतान की मांग की. फांसीदेवा के तरीहन्ना चाय बगान में में हमार चाय बगान नेताओं का. मानबहादुर लामा, बुद्धु बेक, दीवान मार्डी के नेतृत्व में चाय बगानों के मजदूरों के मांग पत्रा का पाठ करते हुए प्रदर्शन किए गए. दार्जिलिंग जिले के शचिन्द्र चंद्र टी इस्टेट में का. तासीलाल ओरावं, जोसफ ओरावं, राजोलिना ओरावं, फुलजेन एक्का ने इस कार्यक्रम की अगुआई की.

ऐक्टू से जुड़े असम संग्रामी चाय श्रमिक संघ असम के चंगमइ, देवघरिया, ओंगुरी आदि विभिन्न इलाकों में चाय श्रमिकों ने लाॅकडाउन अवधि के वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और विरोध में काले बैज लगाकर काम कियाइन कार्यक्रमों में चाय बगाना मजदूरों की मजबूत व उत्साहजनक भागीदारी से प्रभावित चाय बगान मजदूरों ने ऐक्टू के मई दिवस चार्टर की मांगों को लेकर मई दिवस पर रैलियां निकालने कर प्रस्ताव भी लिया.

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आशा कर्मियों ने मांगी कोरोना से सुरक्षा

स्कीम वर्कर्स फेडरेशन के आह्वान पर बिहार, बंगाल व उत्तराख्ंड में आशाकर्मियों ने विरोध सप्ताह (27 अप्रैल-3 मई) का पालन करते हुए काम के दौरान अपनी बाहों पर काली पट्टी बांधा, सिर पर लाल चुन्नी बांधी और अपनी मांगों के पोस्टर व तख्तिया लेकर प्रदर्शन किया.

मुंगेर में पीएससी टेटियाबम्वर की आशा कार्यकर्ता मंजु देवी और हवेली खड़गपुर की आशा कार्यकर्ता पूनम देवी, शशिकिरण कुमारी, कविता कुमारी एवं अन्य ने काला विल्ला लगाया और अपनी मांगों के पोस्टर के साथ प्रदर्शन किया. चंदनिया संग्रामपुर में रिंकू कुमारी और मुंगेर सदर में मीरा रानी व सीता कुमारी के नेतृत्व में मांग सप्ताह मनाया गया. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्राणपुर में आशा कार्यकर्ताओं ने भत्ता व अन्य मांगों को लेकर रोषपूर्ण प्रदर्शन किया.

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दरभंगा के बहादुरपुर पखंड के देकुली उपस्वास्थ्य केन्द्र पर विजयलक्ष्मी देवी के नेत्त्व में आशाकर्मियों बेबी कुमारी, अनिता देवी, प्रमिला देवी, रीता देवी और कुमारी प्रभा ने बांहों पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया और नारे लगाए. जाले प्रखंड के अहियारी गेट की आशाकिर्मियों ने प्रदर्शन करते हुए मांग सप्ताह में हिस्सा लिया. बहेड़ी में भी आशा कार्यकर्ताओं ने मांग सप्ताह मनाया.

पटना जिले के नौबतपुर तें अनुराधा, सीमा, लालवंती आदि आशाकर्मियों ने मांग दिवस में हिस्सा लिया. मुजफ्फरपुर की आशा नेता अनिता, कटिहार की सीमा देवी, बेगूसराय की सुनीता देवी, रोहतास के अकोढ़ी गोला की आशा कमला देवी, सीतामढ़ी जिले के डुमरा की आशा सुशीला पाठक, कैमूर जिले की आशा नेता शैव्या पांडे ने मांग सप्ताह का नेतृत्व किया. बांका, समस्तीपुर, खगड़िया, गोपालगंज व मधुबनी में भी आशा कार्यकर्ताओं ने मांग सप्ताह मनाया.

उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन से जुड़ी आशाओं ने प्रदेश उपाध्यक्ष रीता कश्यप, अन्नू, विमलेश, मैना यादव, शशि बाला और प्रेमा रानी की अगुआई में 29 अप्रैल को बाजुओं पर काली पट्टी बांधकर अपनी मांगों को उठायामांग सप्ताह के दौरान आशाकर्मियों ने वेतन-सुविधा तथा मास्क, सेनेटाइजा व पीपीई कीट सुरक्ष कीट के ‘कोरोना योद्धा’ बना दी गई आशाकर्मियों के दुःख और केन्द्र व राज्य की सरकार द्वारा अपने साथ लगातार किए जा रहे छल को विषय बनाकर कई नए गीत भी रचे. आशा संघ ने इनका वीडीओ बनाकर सोशल मिडीया पर डाला और इनके जरिए अपनी मांगों को प्रचारित किया.

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रसोइया ने भी मनाया मांग सप्ताह

रसोईया लोगों ने भी 27अप्रैल से 3 मई के बीच काली पट्टी बांध कर और मांगों का प्लेकार्ड लेकर काम किया. पूर्वी चंपारण के मोतिहारी, चिरैया, हरसिद्धि, पताही, मधुबन, बंजरिया, व ढाका में कार्यक्रम आयोजित किए गे. इनका नेतृत्व क्रमशः जिला उपाध्यक्ष विष्णुदेव यादव, अध्यक्ष कुमांती देवी, जिला सचिव दिनेश प्रसाद कुशवाहा, शाहिदा खातून, सलेकुन्निशा, छविलाल महतो आदि ने किया.

मुजफ्फरपुर के मुसहरी और औराई में रसोइया संघ के जिला सचिव परशुराम पाठक और ऐक्टू के संयोजक मनोज कुमार यादव के नेतृत्व में धरना हुआ. सिवान के आंदर प्रखंड राज्य उपाध्यक्ष सुदर्शन यादव, कटिहार के बारसोई में जिला सचिव जूही आलम, मुंगेर के खड़गपुर, जमालपुर व मुंगेर शहर में क्रमशः जिला संयोजिका सुनीता, बीना देवी व गीता झा के नेतृत्व में कार्यक्रम हुआ. जमुई के गिद्धौर प्रखंड में हेमा देवी, नवादा शहर में सावित्री देवी और गया के खिजरसराय प्रखंड में जिलाध्यक्ष विभा भारती के नेतृत्व में कार्यक्रम का आयोजन हुआ. पटना के बिहटा प्रखंड के लई गांव में रीता देवी के नेतृत्व में कार्यक्रम का आयोजन हुआरसोइया ने भी कई गीत रचे और उन्हें गाया.