सेवा में,
माननीय मुख्यमंत्री महोदय
बिहार सरकार, पटना

विषय - कोरोना वायरस से बचाव के संबंध में आवश्यक कदम उठाने हेतु

महाशय,

कोराना वायरस ने देश के कई राज्यों को अपनी चपेट में ले लिया है और अपने राज्य बिहार में भी कई संदेहास्पद मरीज मिले हैं।  मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति से देश गुजर रहा है। जनता के बीच भ्रम व भय का माहौल भी बना हुआ है। सरकार की ओर से इस संदर्भ में कई जरूरी कदम उठाए भी गए हैं। बचाव व इलाज के उपायों को और मजबूत करने की दिशा में हम निम्नलिखत बिंदुओं पर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं.

  1. युद्ध स्तर पर जागरूकता अभियान चलाएं : इस नई बीमारी के बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है।  इस वजह से जनता के बीच अनेक तरह के न सिर्फ भ्रम मौजूद हैं, बल्कि भय व आतंक का माहौल भी बनता जा रहा है। इसलिए कोरोना वायरस के बारे में गांव - गांव तक जागरूकता अभियान चलाना और उन्हें इससे बचने का उपाय बताना सबसे जरूरी कार्य है. इस संदर्भ में सरकारी-गैरसरकारी व अन्य प्रयासों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.

  2. तमाम मेडिकल कॉलेजों में कोरोना की जांच की व्यवस्था करें : सरकार ने पटना स्थित तीन अस्पतालों ( पीएमसीएच, एम्स व आईजीआईएमएस) में कोरोना वायरस की जांच की व्यवस्था की बात कही है. लेकिन यह बहुत ही अपर्याप्त है. हमारी मांग है कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में यह सुविधा उपलब्ध करवाई जाए.

  3. आईसीयू व वेंटिलेटर की व्यवस्था बढ़ाएं: तमाम मेडिकल कॉलेजों में आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाई जाए और 100 वेंटिलेटर की व्यवस्था की जाए। जिला स्तरीय अस्पतालों में भी आईसीयू की व्यवस्था की जाए।

  4. तमाम स्वास्थ्य केंद्रों पर चौबीसों घंटा डॉक्टर व दवाई की व्यवस्था करें: प्राथमिक व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर सब डिविजनल व जिला  अस्पतालों में चौबीसों घंटा डॉक्टर, आपात व्यवस्था व दवाइयां मुहैया कराई जाएं।

  5. एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था करें: अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल कॉलेज तक - अनिवार्य रूप से सभी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाए। मरीज को उच्चतर स्वास्थ्य केंद्र पर तुरत पहुंचाने के लिए यह बहुत जरूरी है। विगत वर्ष मुजफ्फरपुर में फैले मस्तिष्क ज्वर के समय इसे बहुत संजीदगी से महसूस किया गया था।

  6. कोरोना के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करे : यह महामारी बिहार में फैलती है तो गरीब समुदाय के लोग इसकी चपेट में सर्वाधिक आयेंगे. उन्हें काम की तलाश में रोज घर से बाहर निकलना पड़ता है। उनके इलाज की सम्पूर्ण व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए। इससे बचाव के लिए जागरूकता फैलाने के साथ ही सरकार को शहर से लेकर गांव तक  साबुन, मास्क आदि जरूरी सामान भी मुहैया करनी चाहिए।

  7. शहरों - बाजारों व गांव तक सफाई व कीटनाशक के छिड़काव की व्यवस्था की जाए: शहर से लेकर गांव तक गंदगी का अंबार फैला हुआ रहता है जिससे बीमारी तेजी से फैलती है। पटना शहर तक में नारकीय स्थिति बनी हुई है. इसलिए सरकार को स्वच्छता पर खास ध्यान देना चाहिए और शहर से लेकर गांव तक गंदगी व कूड़े के अंबार के डिस्पोजल के लिए अधिकारियों को तत्काल दिशा-निर्देश जारी करना चािहए. कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव भी बहुत जरूरी है। तमाम सफाई कर्मियों को मास्क आदि जरूरी सामान जरूर उपलब्ध कराया जाए ताकि वे भय रहित होकर काम कर सकें।

  8. निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम को भी कोरोना के इलाज की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश जारी करें: संकट की इस घड़ी में जरूरी है कि निजी अस्पताल भी इस बीमारी से मुनाफा कमाने की बजाय सामाजिक दायित्व निभाएं। उन्हें कोरोना के इलाज की समुचित व्यवस्था करने का सख्त निर्देश दिया जाए। उनके यहां इलाज का होनेवाला खर्च भी सरकार उठाए।

  9. मजदूरों को रोजगार दें - गुजारा भत्ता दें: स्वाभाविक है कि इस वायरस के कारण लोगों की रोजी-रोटी पर गहरा असर पड़ रहा है. विभिन्न जगहों से वे लौट रहे हैं। इसलिए हमारी मांग है कि सरकार को गरीबों के लिए रोजी-रोजगार का भी प्रबंध करना चाहिए और जबतक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तबतक उनके लिए गुजारा भत्ता की व्यवस्था भी करनी चाहिए। शहरों में गरीबों - मजदूरों के लिए फ्री या सस्ती दर पर कैंटीन की व्यवस्था की जाए। गरीबों के लिए फ्री राशन की व्यवस्था की जाए।

  10. पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था बढ़ाएं : भीड़ - भाड़ इस बीमारी के फैलने का बड़ा कारण है। बसों व ट्रेनों में भारी भीड़ के मद्देनजर सरकार को सरकारी परिवहन की व्यवस्था बढ़ानी चाहिए, ताकि बीमारी के फैलाव को रोकने में सहूलियत हो।

  11. प्रभावित देशों व शहरों से आनेवाले लोगों की जांच की व्यवस्था करें: बिहार के लोग रोजी - रोटी की तलाश में न सिर्फ पूरे देश में बल्कि विदेशों में भी जाते हैं। वहां से आनेवाले, खासकर प्रभावित जगहों से आने वाले लोगों की जांच की व्यवस्था जरूर की जाए।

  12. एनपीआर एक्सरसाइज रोक दिया जाए: कोरोना वायरस के मद्देनजर एक अप्रैल से शुरू होने वाले एनपीआर एक्सरसाइज को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए ।

  13. जेलों में भीड़ कम करें, विचाराधीन कैदियों को रिहा करें/बेल दें : बिहार की जेलों में क्षमता से बहुत ज्यादा बंदी मौजूद हैं। छोटे - छोटे मामले में भी बड़ी संख्या में जेल में लोग लंबे समय से बंद हैं। हजारों लोग महज शराब की बुरी आदत के आरोप में जेल के भीतर हैं। अगर वहां कोरोना का फैलाव होता है, तो बड़ी क्षति उठानी पड़ेगी। इसलिए आपसे आग्रह है कि ऐसे तमाम मामले में युद्ध स्तर पर सुनवाई कर या तो उन्हें रिहा किया जाए या बेल दिया जाए। इस संबंध में सरकार कोर्ट से बात करे।

उम्मीद है कि हमारे सुझावों पर ध्यान दिया जाएगा ताकि राज्य में कोरोना को रोका जा सके।

भवदीय-
विधायक दल,
भाकपा - माले, बिहार

1. महबूब आलम, नेता विधायक दल, विधायक बलरामपुर
2. सत्यदेव राम, विधायक दरौली
3. सुदामा प्रसाद, विधायक तरारी