वर्ष - 28
अंक - 38
07-09-2019

तमिलनाडु के विल्लुपुरम में खेग्रामस के पंचायत-स्तरीय सम्मेलन के पहले 26 अगस्त को 23 गांवों में जन संपर्क अभियान चलाया गया. इस दौरान खेग्रामस कार्यकर्ताओं ने जन सभाओं के माध्यम से  खेतिहर व ग्रामीण मजदूरों के मुद्दों को उठाया. ये मजदूर खुद इनके पास आते थे और उनसे अपनी समस्याएं सुनाते हुए आग्रह करते थे कि वे उनके गांवों में भी खेग्रामस की इकाइयां गठित करें. इस अभियान में महिला ग्रामीण मजदूरों ने भी काफी संख्या में हिस्सा लिया. कार्यकर्ताओं ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे संबंधित अधिकारियों के पास जाकर उनकी समस्याओं के बारे में बातचीत करेंगे.

इसी बीच, जातीय उन्माद में भर कर हुड़दंगियों ने नागपट्टिनम जिले के वेदारण्यम में अवस्थित डा. अंबेडकर की प्रतिमा को तोड़ डाला. खेग्रामस की एक टीम ने तुरत घटनास्थल का दौरा किया, वहां एक ग्राम सभा की और इस घटना की निंदा करते हुए अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. इस टीम में खेग्रामस के राज्य अध्यक्ष बालासुंदरम, राज्य सचिव राज शंकर, भाकपा(माले) के जिला सचिव वेंकटेशन तथा ऐपवा नेत्री सेनबगावल्ली शामिल थे. श्रीपेरुंबदूर और चेन्नै में आरवाइए और डेमोक्रैटिक एडवोकेट एसोसिएशन ने डा. अंबेडकर की प्रतिमा तोड़े जाने के खिलाफ प्रतिवाद आयोजित किया. भाकपा(माले) ने भी 27 अगस्त को पुदुकोट्टै जिले के गंधर्व कोट्टै में प्रतिवाद प्रदर्शन आयोजित कर इस घटना की भर्त्सना की.

जिला प्रशासन ने राज्य भर में बड़े संघर्षों की संभावना को देखते हुए उसी जगह पर डा. अंबेडकर की नई प्रतिमा स्थापित करवाई, लेकिन उसने अपराधियों के खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं की है. तमाम प्रमुख पार्टियों और संगठनों ने इस घटना की निंदा की है.

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