वर्ष - 28
अंक - 16
06-04-2019

लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा नीत एनडीए गठबंधन की करारी शिकस्त हेतु इस बार कम सीटों पर ही चुनाव लड़ने की घोषणा का पालन करते हुए  भाकपा(माले) ने पूरे देश में 22 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं. शेष सीटों पर वह भाजपा हराओ अभियान में उतरेगी.

भाकपा(माले) बिहार, झारखंड, यूपी, उड़ीसा व अन्य कुछेक राज्यों से चुनाव लड़ रही है. बिहार की चार सीटों में आरा की सीट से प्रत्याशी का. राजू यादव हैं. राजद व महागठबंधन के अन्य दलों ने भी उनको समर्थन दिया है. पार्टी ने एक बार फिर सिवान से पूर्व विधायक और चर्चित किसान नेता अमरनाथ यादव तथा काराकाट से पूर्व विधायक व अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह तथा जहानाबाद से पूर्व जिला परिषद सदस्य व जुझारू महिला नेत्री कुंती देवी को प्रत्याशी बनाया गया है. पाटलिपुत्र की सीट राजद के लिए छोड़ दी गई है.

झारखंड में कोडरमा सीट से राजधनवार के वर्तमान विधायक राजकुमार यादव जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी थी और लगभग 2 लाख 55 हजार वोट हासिल किए थे तथा विगत विधान सभा चुनाव में 50 हजार से ज्यादा वोट लाकर राजधनवार विधानसभा सीट पर झारखंड के पूर्व भाजपाई मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को हराया था, पार्टी के प्रत्याशी हैं. झारखंड के पलामू(सु.) सीट से गढ़वा जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष सुषमा मेहता पार्टी उम्मीदवार हैं.

यूपी के मिर्जापुर से चर्चित महिला नेत्री जीरा भारती पार्टी उम्मीदवार हैं. उड़ीसा के पुरी सीट से ऐपवा राज्य अध्यक्ष व दलित नेत्री मंदाकिनी सेठी पार्टी प्रत्याशी होंगी जो भाजपा के केन्द्रीय प्रवक्ता सांबित पात्रा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगीं. उड़ीसा के कोरापुट-एसटी सीट से भूमि अधिकार वनाधिकार आंदोलन के चर्चित नेता दामोदर सबर पार्टी प्रत्याशी होंगे.

शुरू हुआ प्रचार अभियान

भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो सदस्य का. कविता कृष्णन, जेएनयूएसयू के वर्तमान अध्यक्ष एन साईं बालाजी, आइसा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुचेता डे, पूर्व जेएनयूएसयू अध्यक्ष गीता कुमारी, जेएनयूएसू के पूर्व महासचिव व आइसा के वर्तमान महासचिव संदीप सौरभ, आइसा के पूर्व महासचिव रवि राय, आरवाइए के महासचिव नीरज कुमार आदि समेत कई छात्रा-युवा नेता चुनाव प्रचार अभियान में उतर चुके हैं.

2 अप्रैल को बिहार की राजधानी पटना स्थित भारती नृत्यकला मंदिर सभागार में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यकर्ता क्न्वेंशन के जरिए भाकपा(माले) ने 17 वीं लोकसभा चुनाव के लिए अपने चुनाव घोषणापत्र को जारी किया.

कन्वेंशन में मौजूद मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने घोषणापत्र को संघर्ष का घोषणापत्र बताते हुए कहा कि इसमें देश की जनता के जरूरी सवालों पर जोर दिया गया है तथा भाजपा-एनडीए की कॉरपोरेट परस्त और विभाजनकारी लूट-झूठ की राजनीति का मुकाबला करते हुए उसे धूल चटाने का संकल्प जाहिर किया गया है.

उन्होंने राज्य के कोने-कोने से आए सैकड़ों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य के कोने-कोने में भाजपा विरोधी जोरदार लहर खड़ी करने के लिए जी-जान लगा देने तथा राज्य की जिन पर माले प्रत्याशी खड़े हैं जोरदार चुनाव प्रचार अभियान चलाते हुए जीत हासिल करने का आह्वान किया. उन्होंने हर चुनाव क्षेत्र के लिए विशिष्ट कार्ययोजना और प्रचार अभियान छेड़ने के लिए अपने सुझाव सामने रखे.

भाकपा;माले राज्य सचिव का. कुणाल ने भाजपा के फासीवाद के खिलाफ 23 मार्च से लेकर 14 अप्रैल तक चलाए जा रहे अभियान पर चर्चा करते हुए संपूर्ण चुनाव अभियान की कार्ययोजना प्रस्तुत की. उन्होंने खास तौर पर 13 अप्रैल को जालियांवाला कांड के सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर तथा रहे हैं तथा 14 अप्रैल को डा. भीमराव अंबेदकर की जयंती राज्य भर में व्यापक रूप से कार्यक्रम आयोजित करने पर जोर डाला.

कन्वेंशन को पार्टी प्रत्याशियों - का. राजू यादव (आरा), का. राजाराम सिंह (काराकाट), का. कुंती देवी (जहानाबाद) और का. अमरनाथ यादव (सीवान) तथा आइसा के राष्ट्रीय महासचिव का. संदीप सौरभ और जनेवि छात्रा संघ के अध्यक्ष एन साई बालाजी ने भी संबोधित किया.

कन्वेंशन में आरा संसदीय क्षेत्र से भाकपा(माले) के पूर्व सांसद का. रामेश्वर प्रसाद, पूर्व राज्य सचिव का. रामजतन शर्मा व का. नंदकिशोर प्रसाद, वरिष्ठ नेता का. कृष्णदेव यादव, जनेवि छात्रा संघ की पूर्व अध्यक्ष सुचेता डे व गीता कुमारी, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे व राज्य सचिव शशि यादव आदि के अलावा पार्टी की प्रखंड, जिला व राज्य कमेटियों के सदस्यों समेत पार्टी के विभिन्न जनसंगठनों के राज्य नेता मौजूद रहे.नेता भी मौजूद थे. भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो के सदस्य का. धीरेन्द्र झा ने कन्वेंशन का संचालन किया.