वर्ष - 29
अंक - 20
09-05-2020

दरभंगा जिले के बहादुरपुर प्रखंड के पिरडी-चक्का स्थित ईंट भठ्ठा पर नवम्बर महीने में प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) से मजदूर लाये गए. इन मजदूरों में बबलू राम, ब्रजेश राम, अंकित राम, माले मौर्या, दिलीप कुमार राम, गौतम पासवान और रामनरेश ‘सरोज’ सहित 12 मजदूर थे. लाॅकडाउन में भठ्ठा में काम बंद होने की वजह मजदूर दयनीय स्थिति में पहुंच गए. मजबूरन वे अपने घोड़ा बग्घी से अगल-बगल के किसानों के खेतों में पड़े भूसा को ढोने का काम करने लगे. लेकिन भठ्ठा मालिक को यह नागवार गुजरा और उसने इन मजदूरों का घोड़ा व बग्घी जब्त कर लिया था.

पार्टी नेता जंगी यादव, मुखिया तिलिया देवी, लोकल सचिव रामाशंकर सहनी, शत्रुध्न पासवान आदि को जब जानकारी मिली तो वे उनसे मिले. मज़दूरों ने अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने बताया कि वे जून तक के एग्रीमेंट में हैं और उन्हें सूखी ईंट को रेहड़ी पर उठाकर रखने के लिए लाया गया था. वे दो महीना ही ईंट भठ्ठा पर काम कर पाए. मिस्त्री व मजदूर नहीं मिलने से ईंट पाथने का काम नहीं हो रहा है. काम होने पर हमने मालिक से कहा था कि हमें जाने दिया जाए. जो भी एडवांस पैसा हम पर निकलता हैं, अगले सीजन में काम करके हम चुकता कर देंगे. लेकिन उसने न जाने दिया, न ही काम दिया. वह हमें खाना भी नहीं देता और बार-बार जेल भेजने की धमकी देता है.

सारी बातें सुनने के बाद उन लोगों को ईंट भठ्ठा से सटे मठ छपरार ले आया गया और उनके रहने-खाने की व्यवस्था की गई. पूरी सूचना प्रशासन को भी दे दी गई. शाम में अंचलाधिकारी आकर मजदूरों से मिला और जल्द ही समाधान का आश्वासन दिया. घ्तीसरे दिन, 27 अप्रैल को फेकला ओपी में प्रवासी मजदूरों, भाकपा(माले) नेताओं और ईंट भठ्ठा मालिक से फेकला ओपी अध्यक्ष की मौजूदगी में बात हुई और समझौते के तहत तय हुआ कि भठ्ठा मालिक को लाॅकडाउन तक मज़दूरों का देखभाल करना होगा. लाॅकडाउन के बाद इन मजदूरों को उनके घर वापसी का प्रबंध भी भठ्ठा मालिक ही करेंगे. इस दौरान किसी प्रकार का शिकायत आने पर भठ्ठा मालिक पर कठोर कार्रवाई होगी. मजदूरों का घोड़ा और बग्घी के साथ ही उन पर करीब एक लाख रु. से ज्यादा की देनदारी को भी समाप्त करवाया गया. इस तरह मजदूरों को पार्टी की पहल से न्याय मिला.