वर्ष - 28
अंक - 29
06-07-2019

23 जून को सेवराई तहसील क्षेत्र के करवनिया डेरा पर भारी पुलिस बल की मौजूदगी में एसडीएम ने भाकपा(माले) के प्रखंड कमेटी सदस्य का. रोहित बिंद का मकान तोड़वा दिया. जबकि न्यायालय ने 2014 में ही उनके पक्ष में निर्णय दिया था. प्रशासन ने यह गुण्डागर्दी भाजपा विधायक और सपा सरकार के पूर्व मंत्राी के इशारे पर की है. इस प्रशासनिक अंधेरगर्दी के विरोध में तथा विगत 9 महीने से जारी आन्दोलन के समर्थन में गाजीपुर शहर में शहीद भगत सिंह पार्क के निर्माण तथा तारीघाट के रेल प्रभावित किसानों को 2013 के कानून के मुताबिक उचित मुआवजा देने की मांग पर विगत 27-28 जून को गाजीपुर मुख्यालय पर अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता का. ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा के नेतृत्व में दो दिवसीय सामूहिक उपवास कार्यक्रम आयोजित हुआ. आगामी 12 जुलाई को प्रशासन की गुंडागर्दी के खिलाफ तथा एसडीएम और स्थानीय तहसीलदार पर आपराधिक मुकदमा दर्ज कर उन्हें दंडित करने की मांग के साथ ‘सेवराई मार्च’ आयोजित किया जायेगा.

इससे पहले विगत 7 जून 2019 को गाजीपुर जिले के सैदपुर थाना क्षेत्रा के औड़िहार गांव निवासी चंदन राजभर व हरिश्चंद्र राजभर को माफिया ताकतों के इशारे पर सैदपुर कोतवाल बलवान सिंह ने गिरफ्तार कर थाने में बंद कर दिया. उनकी गिरफ्तारी का कोई कारण नहीं बताया गयाउनपर कोई केस भी दर्ज नहीं था. सूचना पाते ही अखिल भारतीय खेग्रामस के जिलाध्यक्ष का. नंदकिशोर बिंद और किसान नेता का. आजाद यादव के नेतृत्व में मुसहर बस्ती और राजभर समाज की महिलाओं ने सैदपुर के सीओ और एसडीएम से मिलकर उन्हें पूरे प्रकरण से अवगत कराया. यह पता चला कि पुलिस ने स्थानीय माफिया ताकतों के इशारे पर उन्हें चोरी के झूठे आरोप के तहत गिरफ्तार किया है और और अब उन्हें जेल भेजना चाहती है.

7 जून को जब लोग कोतवाल से मिलने पहुंचे तो वह नदारद था. जब वह थाने पहुंचा तो उसने बगैर कुछ कहे-सुने महिलाओं व अन्य लोगों पर लाठीचार्ज करवा दिया. इतना ही नहीं, नेतृत्वकारी का. आजाद यादव को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इसके खिलाफ जिला प्रशासन पर दबाव बनाया गया. बाध्य होकर पुलिस को चंदन राजभर व हरिश्चंद्र राजभर समेत आजाद यादव को भी रिहा करना पड़ा.

अगले ही दिन यानी 8 जून को बेवजह लाठी चार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों को दंडित तथा सैदपुर के कोतवाल व सीओ को बर्खास्त करने की मांग को लेकर जिला मुखयालय गाजीपुर में प्रतिवाद मार्च निकाला गया और जनसभा आयोजित की गई. 24 जून को औड़िहार से सैदपुर तक प्रतिरोध मार्च का कार्यक्रम घोषित हुआ. जिला प्रशासन ने इसपर रोक लगा दिया. प्रतिवाद में औड़िहार में ही सभा आयोजित की गई और सभास्थल पर पहुंचे एसडीएम को स्मारपत्र दिया गया.