सीतापुर में 1 मार्च 2019 को अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन के नेतृत्व में करीब आठ सौ से ज्यादा रसोइयों ने आंख अस्पताल कार्यालय से लालबाग चौराहे तक मार्च किया और विकास भवन के सामने धरना-प्रदर्शन किया. सभा से पहले सभी रसोइयों व पार्टी कार्यकर्ताओं ने पुलवामा के शहीदों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी और कहा अब और पुलवामा नहीं. सभा को संबोधित करते हुए ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष का. कृष्णा अधिकारी ने कहा कि आज देश बहुत ही खतरनाक मोड़ पर खड़ा है. जनता के बुनियादी सवालों को दरकिनार कर झूठे वादों व जुमलों से देश की जनता को गुमराह किया जा रहा है. कामरेड मीना ने कहा कि भाजपा की सरकार में कठुआ से उन्नाव तक, बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका संरक्षण गृह कांड से लेकर उत्तर प्रदेश के देवरिया तक बच्चियों के साथ जघन्य अपराध हुए. शर्म की बात है कि भाजपा बलात्कारियों को बचाने के लिए सड़कों पर उतर आई. रसोइया संगठन की जिला अध्यक्ष ऐपवा नेता कामरेड सरोजनी ने कहा कि मोदी-योगी सरकार का महिला सशक्तीकरण का दावा झूठा है. सरकार 33 रुपये में आज भी बेगार करा रही है, जबकि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम एक्ट कहता है कि किसी भी तरह का कोई सरकारी काम करने वाले को न्यूनतम मानदेय 256 रूपये प्रति दिन से कम नहीं देना चाहिए. सरकार इस कानून का उल्लंघन कर रही है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में 6000 रु., केरल में 7000 रु. और पुडुचेरी में 9000 रुपये मासिक मानदेय रसोइयों को दिया जाता है, तो उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं, जबकि एमडीएम योजना केन्द्र की विश्व बैंक पोषित योजना है. रसोइयों से संबंधित और जिलाधिकारी को सम्बोधित नौ-सूत्री मांगपत्र नगर मजिस्ट्रेट को दिया गया.