वर्ष - 28
अंक - 13
23-03-2019

भाकपा(माले) जांच दल ने 11 मार्च को मेरठ के मछेरान मोहल्ले में हाल में हुए अग्निकांड मामले में घटनास्थल का दौरा किया. पार्टी जिला प्रभारी प्रदीप कुमार एडवोकेट के नेतृत्व में गये दल ने अग्निकांड के पीड़ितों से भेंट की और स्थानीय नागरिकों से घटना के बारे में जानकारी प्राप्त की. इस अग्निकांड में 200 से ज्यादा घर पूरी तरह से जल गए. इन घरों में ज्यादातर गरीब और पसमांदा मुस्लिम परिवार रहते थे, जो मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे.

स्थानीय और पीड़ित व्यक्तियों, जिनमें शहजाद निजाम इकरामुद्दीन, अब्दुल हनीफ, रिजवान व मोहम्मद आरिफ थे, ने बताया कि कैंट बोर्ड के अधिकारी पुलिस को लेकर आए थे तथा फीकू नामक व्यक्ति के निर्माण को अवैध बताकर कब्ज़ा हटाने के लिए कह रहे थे. इसी में कहासुनी हुई तो पुलिस ने महिलाओं के साथ मारपीट शुरू कर दी. इससे अफरातफरी व भगदड़ मच गई. फिर मौका देख कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा घरों में आग लगाई गई. देखते ही देखते दो सौ से ज्यादा घरों में आग फैल गई और घरों में रखे गैस सिलेंडर भी फटने लगे. दीवार कूदकर तथा भागकर किसी तरह महिलाओं व व्यक्तियों ने अपनी और बच्चों की जान बचाई. लेकिन बकरियां आदि जानवर जलकर मर गए. आग से धर्मस्थल भी पूरी तरह से जल गया.  श्रीमती चमन व शबनम ने बताया कि हमने बेटी की शादी के लिए जो दहेज का सामान जोड़कर रखा था वो सब जलकर राख हो गया है. सत्तारूढ़ भाजपा से जुड़े एक नेता के जरिए इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.

जांच दल ने कहा कि मोदी-योगी के राज में गरीबों व मजलूमों के घर जलाए जा रहे हैं. यह घटना सरकारी संवेदनहीनता को भी दर्शाती है. प्रशासन ने पीड़ितों के लिए पुनर्वास की कोई व्यवस्था अभी तक नहीं की है. पीड़ितों के सर पर छत भी नहीं रही. सरकार और जिला प्रशासन को तुरंत आवश्यक कदम उठाने चाहिए. साथ ही, अग्निकांड के दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए.