वर्ष - 28
अंक - 13
23-03-2019

लखनऊ के बख्शी का तालाब (बी के टी) तहसील मुख्यालय पर ऐपवा ने इंदौरा बाग़ स्थित अपर जिलाधिकारी कार्यालय तक मार्च किया. मार्च में आतंकवाद, युद्धोन्माद, नफरत और विभाजन की राजनीति के खिलाफ जमकर नारे लगाए. मार्च का नेतृत्व ऐपवा की जिला संयोजक मीना एवं सह संयोजक कमला गौतम ने किया. मार्च बख्शी के तालाब से चलकर मुख्य मार्ग से होते हुए इंदौरा तहसील पहुंचा जहां पर सभा का आयोजन किया गया.

सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि एक ओर मोदी सरकार बेटी बचाओ का नारा दे रही है, वहीं दूसरी ओर युद्धोन्माद का माहौल बनाकर महिलाओं की ज़िंदगी में अंधेरा कर देने पर आमादा है. युद्ध और आतंकवाद महिलाओं की ज़िंदगी के लिये नासूर है. हमें युद्ध नहीं शांति चाहिए. कहा कि मोदी सरकार महिला बजट का 56 प्रतिशत अपने प्रचार पर खर्च कर रही है. मोदी राज में  महिलाओं की सुरक्षा उनके राशन-किरासन तथा महिलाओं के पेंशन के सवाल सामने आ रहे हैं. शौचालय के नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है और उसमें भी घूस देने के लिए बाध्य किया जा रहा है. 8 हज़ार और 12 हज़ार में कौन सा शौचालय बनेगा? सभा में शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार की जांच करने तथा शौचालयों के लिये 50 हज़ार रुपये निर्धारित करने की मांग की गयी. मार्च में कमलेश कुमारी, मालती, शांति, कमला मंसूरा, सरला, गीता, प्रियंका, समेत बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं.

इसके पहले, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर 7 मार्च को ऐपवा, एडवा, महिला फेडरेशन व आइसा ने लखनऊ में परिवर्तन चौराहा से जीपीओ चौराहा तक संयुक्त मार्च निकाला और गांधी प्रतिमा के पास धरना दिया.

लखीमपुर खीरी में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ऐपवा के नेतृत्व में जलूस निकाला गया और सभा आयोजित की गई. जलूस में महिलाएं नारे लगा रही थीं ‘युद्ध नही शान्ति चाहिए!’ और पुलवामा नहीं चाहिए!’ सभा को मुख्य रूप से ऐपवा प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी, उपाध्यक्ष आरती राय, सावित्री व माला ने संबोधित किया.

सीतापुर में ऐपवा जिलाध्यक्ष सरोजिनी के नेतृत्व में महिलाओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के निकट विकास भवन पर धरना दिया. सरोजनी ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा लगाने वाली मोदी सरकार में कठुआ से उन्नाव तक की जघन्य घटनायें और मुजफ्फरपुर से लेकर देवरिया तक बालिका संरक्षण गृह कांड हुए. कहा कि गैस के दाम बढ़ने से महिलाओं को फिर से धुआंते चूल्हे में खाना बनाने को मजबूर होना पड़ रहा है. रसोइया पंजीकरण में आयु 40 वर्ष करके लाखों रसोइयों को योजना से बाहर कर दिया गया है. महिलाओं के साथ बडा अन्याय सरकार ने किया है. मोदी सरकार में न महिला सुरक्षित रहीं और न देश सुरक्षित रहा. जुमले बाज मोदी सरकार सिर्फ जुमलेबाजी करती रही. कहा कि देश की जनता मोदी को हटाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रही है. भाजपा भगाओ की चर्चा गांव के गली-कूचों में जोर-जोर से उठ रही है.

चकिया (चन्दौली) के गायघाट गांव में  8 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से भाकपा (माले) राज्य कमेटी सदस्य का. मिठाई लाल, विदेशी राम, रजवन्ती, अनीता, संगीता, सनम, माया, परमशीला, सीता, बुधना व मुरैना ने अपने विचार रखे.

जयपुर में ‘युद्ध नहीं, शांति चाहिए’ की अपील के साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया. उसी दिन जयपुर में ऐपवा का जिला सम्मेलन भी आयोजित किया गया. जिला सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए भाकपा(माले) केन्द्रीय कमेटी सदस्य व ऐपवा की राज्य सचिव का. सुधा चौधरी ने कहा कि महिलाओं के लिए जितने वादे भाजपा सरकार ने किए थे उसके उलट पिछले 5 सालों में उसने हर तरह के महिला विरोधी काम किए हैं. भाजपा सरकार द्वारा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ नारे को बार-बार दुहराते हुए यह झूठा आश्वासन दिया जाता रहा कि बेटियां उसके राज में सुरक्षित हैं. लेकिन पांच साल में बलात्कार की घटनायें अचानक से बढ़ गई हैं और बलात्कार के ज्यादातर मामलों में कहीं न कहीं से भाजपा नेताओं की संलिप्तता सामने आयी है.

उन्होंने बताया कि किसतरह शहीदों के नाम पर देश में हिन्दू-मुस्लिम को आपस में लड़वाकर भाजपा अपना चुनावी स्वार्थ साधने में लगी हुई है. उन्होंने भाजपा के इन खूनी इरादों को विफल करने की अपील की.

सम्मेलन से ऐपवा की नई जिला कमेटी का चुनाव किया गया. का. परवीन बानों को अध्यक्ष, का. मंजूलता को सचिव और का. दीपा मेहरा को सह सचिव चुना गया. नवनिर्वाचित जिला सचिव का. मंजू लता ने कहा कि ऐपवा लोकसभा चुनाव में युवाओं के लिए रोजगार और महिलाओं को अधिकार जैसे मुद्दों को लेकर जनता के बीच जायेगी और भाजपा हराओ के नारे के साथ सशक्त चुनाव अभियान छेड़ेगी.

भिलाई में ऐपवा और भाकपा(माले) के नेतृत्व में कैम्प-2, भैरव बस्ती के वार्ड नं. 24 की महिलाओं ने 8 मार्च को मुहल्ले में पेयजल, साफ-सफाई, तालाब की सफाई व सौंदर्यीकरण सहित विभिन्न समस्याओं के त्वरित निराकरण को लेकर नगर निगम के सामने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया और निगम-आयुक्त को संबोधित ज्ञापन सौंपा.

ऐपवा द्वारा निगम को पूर्व सूचना दिये जाने के बावजूद कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर ज्ञापन लेने के लिए उपस्थित नहीं थे, जिससे महिलाओं का आक्रोश फूट पड़ा और राजस्व अधिकारी श्री मोतीलाल शर्मा को ज्ञापन सौंपते हुए महिलाओं ने जमकर अपने गुस्से का इजहार किया. राजस्व अधिकारी ने आश्वस्त किया कि अब बहुत जल्द समस्याओं का समाधान होगा.

ज्ञापन में बताया गया है कि भैरव बस्ती, वार्ड-24 के निवासी लगभग ढाई साल से पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं, तालाब गंदगी से पट चुका है, संपवेल खराब पड़े हैं, निगम संचालित नलों से बीच में संपन्न व प्रभावशाली लोगों द्वारा मोटर लगाकर पानी खींच लिए जाने के चलते वार्ड-24 पहुंचते-पहुंचते नल सूख जाते हैं और वार्डवासियों को बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज होना पड़ता है और वार्ड की महिलाओं को पेयजल के लिए यत्र-तत्र भटकना पड़ता है. वार्ड में कई कामकाजी महिलाएं रहती हैं जो निगम क्षेत्र में सफाई का काम करती हैं. कई लोग आजीविका के लिए मजदूरी पर निर्भर हैं.

ऐसे में लोगों के लिए पेयजल व नहाने के लिए पानी की गंभीर समस्या उनकी आजीविका के लिए भी परेशानी पैदा कर रही है. निगम से पूछा गया है कि पाइप लाइन से जब हाउसिंग बोर्ड को पानी दिया जा सकता है तो फिर वार्ड-24 को क्यों नहीं दिया जाएगा ? गर्मी का मौसम अभी ठीक से शुरू भी नहीं हुआ है और वार्डवासी अभी से पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं; अगर जल्द ही पाइपलाइन डालकर जलापूर्ति की व्यवस्था नहीं की गई तो आगे की विभीषिका का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. ज्ञापन में निगम प्रशासन को कड़े शब्दों में चेतावनी दी गई है कि एक सप्ताह के अंदर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो वार्डवासी उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे जिसकी पूरी जवाबदेही निगम प्रशासन की होगी.

धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए नेताओं ने निगम प्रशासन और केंद्र व राज्य सरकारों की जनविरोधी नीतियों की तीखी आलोचना की. नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास और उद्देश्य पर भी प्रकाश डाला और महिला दिवस पर सरकारी आयोजनों को मात्रा ढकोसला बताते हुए कहा कि वस्तुतः आधी आबादी के मताधिकार के दबाव में सरकारें औपचारिक ताम-झाम कर कुछ महिलाओं को सम्मानित करने का ढोंग करती हैं. हकीकत तो यह है कि सामंती व फासीवादी सरकारें महिलाओं को समानाधिकार देना ही नहीं चाहतीं हैं.

धरना-प्रदर्शन को ऐपवा नेताओं समेत भाकपा(माले) नेता बृजेंद्र तिवारी और ऐक्टू नेता अशोक मिरी, श्याम लाल साहू, जयप्रकाश नायर सहित अनेक लोगों ने संबोधित किया. कार्यक्रम में वार्ड-24 से बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया.