गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों और दिल्ली में नगर निगम चुनाव के नतीजे आशानुरूप दिशा में ही आए हैं; अलबत्ता, गुजरात में भाजपा को जितने भारी पैमाने पर जीत मिली है वह निश्चय ही गहरी छानबीन का विषय है. इन तीनों चुनावों में भाजपा ही सत्तासीन पार्टी थी, और अब वह इनमें से दो में सत्ता खो चुकी है. इस लिहाज से भाजपा को ही नुकसान हुआ है, किंतु गुजरात में वोट शेयर (52 प्रतिशत से ज्यादा) और सीट शेयर (85 प्रतिशत से ज्यादा) दोनों लिहाज से भाजपा को मिली भारी जीत के तले उसका यह नुकसान दब-सा गया है.