नई दिल्ली, 4 फरवरी.
लोक सभा चुनाव 2019 से पहले मोदी सरकार ने शारदा घोटाले की सीबीआई जांच के बहाने पश्चिम बंगाल सरकार पर साजिशपूर्ण तरीके से हमला बोल दिया है. इस राज्य में भाजपा नेताओं द्वारा राष्ट्रपति शासन के लिए मचाया जा रहा हो-हल्ला दरअसल संविधान और संघीय ढांचे के खिलाफ पर मोदी सरकार के गलत मंसूबों को उजागर कर रहा है. हम ऐसी किसी भी कोशिश की कड़ी भर्त्सना करते हैं और पश्चिम बंगाल की लोकतंत्र पसंद जनता से अपील करते हैं कि सीबीआई का इस्तेमाल कर किये जा रहे इस आपराधिक केन्द्रीय हस्तक्षेप का कड़ा विरोध किया जाय.
शारदा और रोज वैली चिटफण्ड स्कीम घोटालों के खिलाफ पश्चिम बंगाल की जनता लम्बे समय से संघर्ष कर रही है. मुकुल रॉय जैसे भ्रष्टाचार के आरोपियों को अपने साथ मिला कर इस घोटाले के खिलाफ लड़ने का दावा भाजपा कैसे कर सकती है? सच्चाई यह है कि मोदी सरकार आज नोटबंदी की तबाही से लेकर राफेल डील तक भ्रष्टाचार के कहीं ज्यादा गम्भीर आरोपों से घिरी हुई है. जो सरकार क्रोनी पूंजीवाद की सबसे बड़ी संरक्षक बन कर आयी है, भ्रष्टाचार के खिलाफ उसकी लफ्फाजी केवल निकृष्ट श्रेणी का पाखंड भर ही है.
बंगाल में वामपंथ इस राज्य के तृणमूल कांग्रेस के शासन में बढ़ते भ्रष्टाचार और आतंक के खिलाफ अपनी जंग को आगे बढ़ाते हुए भाजपा और केन्द्र सरकार की ऐसी हरेक साजिश का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है.
- दीपंकर भट्टाचार्य
महासचिव, भाकपा-माले